विकास |
बात चाहे प्लास्टिक की हो या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की ये हमारे आस-पास है हमारेे साथ , वर्तमान में प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाया जा रहा है लोगो को बताया जा रहा है की आज से 30 साल पहले तक लोग प्लास्टिक उपयोग ही नही करते थे। हमारे पूर्वज़ो ने तो बिना पॉलीथिन के ही अपने जीवन जीया है तो जाहिर है बिना प्लास्टिक के उपयोग किये भी जीवन सरल हो सकता है और ये संभव है ।
इसका उत्तर है पर्यावरण को नुकसान जो जाने-अनजाने हमने कर दिया है और हम फिर से अपने पूर्व के समय में वापस जाना चाहते है इसका मतलब यह प्लास्टिक उपयोग से ज्यादा घातक सिद्ध हुआ ,जिसे जानने में हमे 30साल लग गए ।
यही घटना एक और अविष्कार के साथ होगी ,वर्तमान में नही कुछ साल बाद, वह है मोबाइल ,मैं सामान्य मोबाइल की नही बल्कि स्मार्ट मोबाइल की बात कर रही अभी ये मोबाइल ट्रेनिंग पीरियड में है ,इसे आए 10 साल ही हुए है हमने इससे ज्यादा ह्यूमन लाइफ पर असर करते किसी और यन्त्र को नही देखा ,आप-हम इसके बिना अपना जीवन बिताया है फिर भी ये हमारे लिए का अवश्यकता बन गया है परंतु वो जिन्होंने ने जन्म से ही इसका उपयोग सीखा है उनके लिए इसके मायाजाल से निकलना बहुत कठिन है ,ये हमारेे कीमती समय को पल भर में ही ग़ायब कर देता है, आपके सोचने की शक्ति और क्रियात्मक विचारशीलता को नष्ट कर देता है साथ ही साथ शारीरिक व मानसिक परेशानी का भी कारण है,ये बुद्धि को कुन्द कर देता है ।
आप स्वयं को यह दिलासा दे सकते है कि मैं इसका उपयोग ज्यादा नही करता हूँ पर आप करते है। सोचिये अगर ये आपको इतना प्रभावित करता है तो ये बच्चों को कितना करेगा ,वो समय जब उनकी मस्तिस्क की क्रियाशीलता के विकास का है।
उम्मीद है हमे मोबाइल के उपयोग के बुरा प्रतिफल को रोक सकें,लेकिन इसमे गलती हमारी है जो मोबएल को अपने जीवन में बहुमूल्य स्थान दिया ,मुझे यकीन है कुछ समय बाद प्लास्टिक की तरह ही, स्मार्ट मोबाइल बंद, किताबो पर वापस अभियान भी चलेगा।